बयोवृद्ध किसान नेता भूपिंदर सिंह मान ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा-इस बात की गारंटी दी जानी चाहिए कि किसानों को एमएसपी मिलेगी और कम दाम में खरीद करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी.
नई दिल्ली. कृषि अध्यादेशों (agri ordinances) को लेकर किसानों की आशंकाएं अब भी कायम हैं. इस बीच भारतीय किसान यूनियन (BKU) के अध्यक्ष एवं पूर्व राज्यसभा सांसद भूपिंदर सिंह मान ने इसी मसले पर पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को एक ख़त लिखा है. बयोवृद्ध किसान नेता ने पत्र में कहा कि मौजूदा रूप में इन अध्यादेशों से किसानों को कोई मदद नहीं होगी. बल्कि इसने एक डर पैदा कर दिया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को दूर किया जा रहा है. उन्होंने इस संबंध में पीएम को कुछ सुझाव दिए हैं.
मान ने कहा, एमएसपी खत्म होने संबंधी डर को दूर करने के लिए एक अध्यादेश लाकर इस बात की गारंटी दी जानी चाहिए कि किसानों को एमएसपी मिलेगी. एमएसपी पर परचेज करने हेतु सभी खरीददार कानूनी तौर पर बाध्य होने चाहिए. चाहे वे सरकारी हों या फिर निजी. उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.
इसके अलावा 9वें शेड्यूल में संशोधन होना चाहिए और कृषि जमीनों (Agriculture Land) को इसके दायरे से बाहर करना चाहिए, ताकि किसान न्याय के लिए अदालतों के दरवाजे खटखटा सकें. जबकि कानून की मौजूदा स्थिति वह हालात पैदा करती है जिनमें किसानों को अभी तक आजादी नहीं मिली "आजाद देश के गुलाम किसान".
बता दें कि लॉकडाउन के समय मोदी सरकार दो नए कृषि अध्यादेश लेकर आई थी और आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन किया था. पहला कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार-संवर्धन एवं सुविधा अध्यादेश है. किसान नेताओं का कहना है कि जब किसानों के उत्पाद की खरीद मंडी में नहीं होगी तो सरकार इस बात को रेगुलेट नहीं कर पाएगी कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिल रहा है या नहीं. इस अध्यादेश में एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि किसान व कंपनी के बीच विवाद होने की स्थिति में कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाया जा सकता. एसडीएम स्तर पर ही सुनवाई होगी, जो सरकार के ही इशारे पर नाचेगा.